Sunday, 13 November 2011


आईआईपी घटने से बाजार को लगा झटका
बाजार में गिरावट बरकरार
बाजार की गिरावट में सुधार
खराब आईआईपी आंकड़ों से 200 अंक लुढ़का सेंसेक्स
शुरुआती कारोबार में रुपया कमजोर
गिरावट के साथ शुरू हुआ कारोबार, सेंसेक्स 100 लुढ़का
रेटिंग चिंताओं से बाजार गिरे
सेंसेक्स 200 अंक लुढ़का, एसबीआई 7 फीसदी कमजोर
एसबीआई के नतीजों से निराश हुआ बाजार
बाजार में उतार चढ़ाव जारी





शेयरों के प्रदर्शन पर विप्रो के नतीजों का नहीं होगा ज्यादा असर
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज घरेलू कंपनी विप्रो ने नतीजे जारी कर दिए हैं, जो विश्लेषकों की उम्मीद से थोड़े बेहतर हैं। लेकिन ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि इसका कंपनी के शेयर प्रदर्शन पर बहुत ज्यादा असर होने की गुंजाइश नहीं हैं। माना जा रहा है कि अन्य आईटी कंपनियों के नतीजों पर भी डॉलर-रुपये के समीकरण का सीधा असर होगा। जियोजित बीएनपी पारिबा फाइनैंशियल सर्विसेज के सहायक उपाध्यक्ष गौरांग शाह ने आईटी क्षेत्र की घरेलू कंपनियों के प्रदर्शन और निकट भविष्य में उनकी स्थिति पर पुनीत वाधवा से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश: /  November 01, 2011

विप्रो ने कल सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। क्या यह आपकी उम्मीदों के अनुरूप है?
इस वर्ष सितंबर में समाप्त हुई तिमाही के लिए कंपनी ने साल-दर-साल आधार पर अपने शुद्घ मुनाफे में 1 प्रतिशत इजाफे की घोषणा की है, जो हमारे अनुमानों की तुलना में थोड़ा बेहतर है और बाजार की उम्मीदों की तुलना में यह 1-1.5 फीसदी बेहतर है।
मैं नहीं समझता कि शेयरों के प्रदर्शन के मोर्चे पर इसका बहुत ज्यादा असर होगा। लेकिन नतीजे आने के बाद कंपनी के शेयरों पर थोड़ा असर तो होगा ही।

आगे के अनुमानों के बारे में आपकी क्या राय है? क्या यह आपकी उम्मीदों के मुताबिक है? क्या आपको लगता है कि विप्रो आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने या फिर उससे भी आगे निकलने में सक्षम होगी?
अनुमान और प्रबंधन की टिप्पणी के लिए आगे की संभावनाओं पर नजर रखने की जरूरत है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कंपनियों के लिए रुपये और डॉलर का समीकरण चिंता की प्रमुख वजह है। कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया मजबूत हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो आईटी कंपनियों के लिए यह स्थिति ठीक नहीं होगी।
जहां तक अनुमानों पर खरा उतरने या फिर उससे आगे निकलने की बात है तो यह एक हद तक अमेरिका और यूरोपीय देशों के हालात पर निर्भर करेगा। विप्रो के शीर्ष प्रबंधन में हाल ही में फेरबदल हुई है। लिहाजा इस मामले में थोड़ा इंतजार करना होगा।

क्या आपको वित्त वर्ष 2012 की दूसरी तिमाही के नतीजों से किसी खास रुझान का संकेत मिलता है? मौजूदा वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए आप कोई अनुमान लगाएंगे?
कंपनी में कर्मचारियों की मौजूदा संख्या और वेतन वृद्घि का असर मुनाफे पर होगा। इसके अलावा कंपनी की ओर से नए कर्मचारियों की भर्ती पर भी नजर रहेगी। कारोबार में थोड़ी वृद्घि हुई है और कंपनी ने लगभग 45 नए ग्राहक जोड़े हैं। ये दोनों सकारात्मक चीजें हैं।
नकारात्मक पक्ष में प्रमुख चिंता वेतन वृद्घि है। इसकी वजह से, निकट भविष्य में कंपनी के मुनाफे पर विपरीत असर होगा।

मौजूदा वित्त वर्ष की शेष अवधि में रुपये के रुझान को लेकर आपका क्या अनुमान है?
मैं समझता हूं कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 50.50 के स्तर तक जाएगा। डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति एक हद तक मांग और आपूर्ति के हालात पर निर्भर करेगी। मुझे भरोसा है कि आगामी महीनों में रुपया डॉलर के मुकाबले 46-47 के दायरे में स्थिर
हो जाएगा।

मान लीजिए कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होता है, तो ऐसी स्थिति में क्या मौजूदा वित्त वर्ष की शेष अवधि के दौरान विप्रो की अनुमानित आमदनी आप कम आंकेंगे?
नहीं, ऐसा नहीं है। 

दूसरी तिमाही के नतीजे आने के बाद इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन कैसा रहेगा? क्या कोईमौजूदा स्तर पर इन कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकता है? यदि हां, तो क्यों?
एक ब्रोकरेज कंपनी के रूप में हमें आईटी क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में ज्यादा उछाल आने की उम्मीद नहीं है। बावजूद इसके, निचले स्तर पर टीसीएस के शेयर में निवेश की संभावना तलाशी जा सकती है।

आईटी क्षेत्र की मझोली कंपनियों (मिड-कैप) के बारे में कुछ कहना चाहेंगे?
मझोली कंपनियों के मोर्चे पर हम एचसीएल टेक्नोलॉजीज में तेजी की संभावना देख रहे थे। लेकिन नतीजे आने के बाद हमने इसके शेयरों की रेटिंग कम कर दी है। इस खंड की अन्य कंपनियों में महिंद्रा सत्यम का शेयर कुछ समय से 65-75 रुपये के दायरे में सिमटा हुआ है। निकट और मध्यावधि में सुरक्षित निवेश के लिए इस कंपनी के शेयर पर गौर किया जा सकता है।


No comments:

Post a Comment